सोमवार, 23 सितंबर 2019

पर्यावरण और प्रकृति 

 प्रकृति का नजारा है  बदला,
नीला आसमां हो गया धुंधला,
गंदगी से हुआ सागर काला,
पेड़ों की नही है शीतल छाया,
धुँये ने है प्रदूषण बढ़ाया। 

फूलों  की खुशबू वाली मस्त हवा,
अब मिट्टी बदबू के साथ आती,
नाक आंख को बंद कर जाती,
जंगल काट शहर बसाया,
पों पों कर कारो ने  शोर मचाया। 

पहले बारिश रिमझिम आती,
अब आंधी तूफान का शोर मचाती,
अनाज पशू खेत बहाकर ले जाती,
क्यों  बाढ़ तूफान भूकम्प आया,
मानव ने  प्रकृति को दुश्मन बनाया। 

आओ हम प्रकृति को करे प्यार,
उस पर ना डाले अधिक भार,
संजोये सँवारे और करे दुलार,
पेड़ पोधे फल फूल लगाये,
वातावरण को सुन्दर स्वच्छ  बनाये।